Lag Ja Gale लग जा गले - Song Lyrics in Hindi
लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो न हो
पास आईए कि हम नहीं आएंगे बार-बार
बाहें गले में डाल के हम रो लें जा जा
लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो न हो
हमको मिली है आज ये घड़ियां नसीब से
जी भर के देख लीजिए, हमको करीब से
फिर आपकी मस्त निगाहों से मुलाकात हो
न हो, शायद
लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो न हो
लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो न हो
Lag Ja Gale लग जा गले - Song Lyrics in Hindi |
पास आईए कि हम नहीं आयेंगे बार-बार
बाँधे जो रिश्तों की ये डोरियाँ, प्यार-प्यार से सीखो न
कौन मेरा, कौन तेरा, सब कुछ होने की बात है
एक हासीं रात सुखों की बारात है
कैसे भिगोया, उसे बीती ये रात ना जाने
न कोई भूला, न कोई बचा है
लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो न हो
अरे भीगी भीगी रातों में प्यास की बुने रातों में
अपनी हसीं रातों में, आओ ना
अरे भीगी भीगी रातों में प्यास की बुने रातों में
अपनी हसीं रातों में, आओ ना
लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो न हो
ये दिल क्यों नहीं, लगता
ये तुझे ही चाहता है
लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो न हो
लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो न हो
हम को मिली हैं आज यह घड़ियाँ नसीब से
जी भर के देख लीजिए, हम को करीब से
फिर आपके नसीब में ये बात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो न हो
पास आईए की हम नहीं आएंगे बार-बार
बाहें गले में डाल के हम रो लें ज़रा
आँखों से पहले हम रूठ जाएँ आपसे
फिर आपकी बारी हो, थाम लें ज़रा
मुस्कुराइए कि आप कभी ख़़वाब में मिले
मुस्कुराइए कि हमें ज़िन्दगी मिल गई
बस इतनी सी बात हो, चाँदनी रात हो
और फिर हमें ज़िन्दगी मिल गई
लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो न हो
हम को मिली है आज ये घड़ियाँ नसीब से
जी भर के देख लीजिए हम कब से
फिर आपकी आँखों के सिलसिले बन गए
हम क्यों दिल से आपका इंतजार करें
सिल्का सिलकी साड़ियों में बाढ़ी ओ छाँव हो
आपका प्यार कुछ इस तरह भरे
लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो न हो
रात भर जामों में जब वो आते नहीं
हम भरके उस रात को जब आपकी बातें
कभी आपकी ख़ातिर कभी हम जीया नहीं
इंतजार खुद की मौत से ही क्यों करें
कैसे कहें क्या है शायद वो आवाज़ हो
दिल के ख़ुश रखने को घड़ियाँ तरसाती हो
लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो न हो